दिल्ली ब्लास्ट की पूरी तस्वीर: फिदायीन हमला, डॉक्टरों का नेटवर्क और फरीदाबाद का 'विस्फोटक' कनेक्शन

 दिल्ली ब्लास्ट की पूरी तस्वीर: फिदायीन हमला, डॉक्टरों का नेटवर्क और फरीदाबाद का 'विस्फोटक' कनेक्शन

10 नवंबर 2025 की शाम को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर दहल उठी। शाम के व्यस्त समय में, ऐतिहासिक लाल किले के पास एक कार में हुए भीषण विस्फोट ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस दुखद घटना में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और 25 से अधिक लोग घायल हैं।यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसने न केवल कार को, बल्कि आसपास के कई अन्य वाहनों को भी अपनी चपेट में ले लिया। यहाँ इस घटना का पूरा विवरण और अब तक की जांच की स्थिति है।

क्या, कब और कहाँ हुआ?
तारीख और समय: सोमवार, 10 नवंबर 2025, शाम लगभग 6:52 बजे।
स्थान: मध्य दिल्ली में सुभाष मार्ग पर, लाल किला (Lal Qila) मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास एक ट्रैफिक सिग्नल।
घटना: एक सफेद रंग की हुंडई i20 कार (रजिस्ट्रेशन नंबर HR26CE7674), जो ट्रैफिक सिग्नल पर धीमी गति में थी, उसमें अचानक एक ज़ोरदार विस्फोट हो गया। यह कोई पार्क की हुई कार नहीं थी।
विस्फोट का खौफनाक मंज़र प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाका बहरा कर देने वाला था। विस्फोट के तुरंत बाद, i20 कार और उसके आस-पास के वाहन आग के एक विशाल गोले में बदल गए।
नुकसान: इस विस्फोट और आग ने 6 अन्य कारों, 2 ई-रिक्शा और 1 ऑटो-रिक्शा को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
आसपास का प्रभाव: धमाके का बल इतना ज़बरदस्त था कि लाल किला मेट्रो स्टेशन की खिड़कियों के शीशे टूट गए और पास की इमारतों को भी नुकसान पहुँचा।
आपातकालीन प्रतिक्रिया: सूचना मिलते ही दमकल की कई गाड़ियां और पुलिस मौके पर पहुँची। घायलों को तुरंत नज़दीकी LNJP अस्पताल ले जाया गया।
धमाके वाली कार की पूरी टाइमलाइन (10 नवंबर)
जांच एजेंसियों ने CCTV फुटेज के आधार पर धमाके वाली i20 कार की पूरी दिनचर्या का पता लगाया है, जो एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है:
सुबह 8:04: कार ने बदरपुर टोल प्लाजा से दिल्ली में प्रवेश किया।
सुबह 8:20: कार को ओखला इंडस्ट्रियल एरिया के एक पेट्रोल पंप पर देखा गया।
दोपहर 3:19: कार को लाल किले के पास सुनेहरी मस्जिद के पास एक पार्किंग में पार्क किया गया। यह कार यहाँ 3 घंटे से अधिक समय तक खड़ी रही।
शाम 6:48: कार पार्किंग से बाहर निकली।
शाम 6:52: पार्किंग से निकलने के ठीक 4 मिनट बाद, कार ट्रैफिक सिग्नल पर विस्फोट कर गई।
जांच और वर्तमान स्थिति: आतंकी कोण

10 नवंबर की शाम ने दिल्ली को जो ज़ख्म दिया है, उसकी परतें अब धीरे-धीरे खुल रही हैं। लाल किले के पास हुआ यह धमाका महज़ एक कार विस्फोट नहीं, बल्कि एक सुनियोजित फिदायीन (आत्मघाती) आतंकी हमले की खौफनाक तस्वीर पेश कर रहा है। इस घटना में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से कई की पहचान भी नहीं हो पाई है, और 24 से अधिक लोग अस्पताल में हैं।   जांच अब दिल्ली पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है। यहाँ इस साजिश की अब तक की पूरी और विस्तृत जानकारी दी गई है।  



मुख्य संदिग्ध: "डॉक्टर उमर" और फिदायीन हमला
जांच का केंद्र बिंदु वह हुंडई i20 कार (HR 26 Y 7624) है, जिसने विस्फोट किया। CCTV फुटेज में कार चलाते हुए एक शख्स दिखा है, जिसने काला मास्क पहना हुआ था।  
संदिग्ध की पहचान: माना जा रहा है कि यह शख्स "डॉक्टर उमर मोहम्मद नबी" है, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है। एजेंसियों को शक है कि यह एक फिदायीन हमला था और उमर ने खुद को विस्फोटक के साथ उड़ा लिया।
DNA पुष्टि: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पुष्टि के लिए पुलवामा में उमर की माँ और दो भाइयों को हिरासत में लिया है, ताकि उनके DNA सैंपल का मिलान किया जा सके।  
संगठन: उमर का नाम आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जोड़ा जा रहा है।
फरीदाबाद मॉड्यूल: जहाँ रची गई साजिश इस धमाके के तार सीधे तौर पर फरीदाबाद में रचे गए एक बड़े आतंकी मॉड्यूल से जुड़ रहे हैं।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी: फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी इस जांच के केंद्र में है। शक है कि यूनिवर्सिटी की लैब का इस्तेमाल RDX या अन्य एडवांस विस्फोटक बनाने के लिए किया जा रहा था।
डॉक्टरों का नेटवर्क: जांच में "डॉक्टरों और पूर्व मौलवियों" द्वारा चलाए जा रहे एक स्लीपर सेल नेटवर्क का खुलासा हुआ है।
डॉ. शकील: अल-फलाह अस्पताल के एक डॉक्टर शकील को गिरफ्तार किया गया है।
तीन अन्य डॉक्टर: यूनिवर्सिटी के तीन अन्य डॉक्टरों से भी NIA और क्राइम ब्रांच की टीमें गहन पूछताछ कर रही हैं।
भारी विस्फोटक बरामद: धमाके से ठीक पहले फरीदाबाद से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक और ज्वलनशील पदार्थ बरामद किए गए थे। यह सब इसी मॉड्यूल का हिस्सा माना जा रहा है। फरीदाबाद में 800 से ज़्यादा पुलिसकर्मी बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चला रहे हैं।  
फोरेंसिक जांच और विस्फोटक का प्रकार
शुरुआती फोरेंसिक जांच में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं:
ANFO का इस्तेमाल: सूत्रों के मुताबिक, धमाके में एएनएफओ (अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल) का इस्तेमाल किया गया है। यह एक शक्तिशाली, लेकिन आसानी से उपलब्ध होने वाला विस्फोटक है।
गड्ढा नहीं मिला: फोरेंसिक टीम ने पाया कि विस्फोट वाली जगह पर कोई बड़ा गड्ढा (Crater) नहीं बना है। यह इस ओर इशारा करता है कि शायद RDX जैसे हाई-ग्रेड मिलिट्री विस्फोटक का इस्तेमाल नहीं हुआ, या फिर उसकी मात्रा कम थी।
कार की चाबी: जली हुई कार के अंदर से मिली चाबी ने भी जांच में अहम सुराग दिए हैं।
जिम्मेदारी का दावा और संभावित निशाना
लश्कर का दावा: इस बीच, सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। पोस्ट में इसे "ऑपरेशन सिंदूर" और "बिलाल मस्जिद की शहादत" का बदला बताया गया है। हालांकि, एजेंसियां अभी इस दावे की जांच कर रही हैं।
क्या मंदिर थे निशाने पर? विस्फोट का स्थान बेहद संवेदनशील है। यह स्थान चांदनी चौक के प्रसिद्ध गौरी-शंकर मंदिर और जैन दिगंबर मंदिर से महज़ कुछ ही मीटर की दूरी पर है। धमाके से इन मंदिरों के शीशे भी टूटे हैं। एजेंसियां इस कोण से भी जांच कर रही हैं कि कहीं ये दोनों मंदिर ही आतंकियों का असली निशाना तो नहीं थे
पीड़ित और कार का सफर
पीड़ितों की पहचान: यह त्रासदी और भी दुखद है क्योंकि कई शवों की पहचान मुश्किल हो गई है। एक शव के चिथड़े उड़ गए थे, जिसकी पहचान के लिए DNA टेस्ट ही एकमात्र रास्ता है।  
पहचाने गए पीड़ित: मृतकों में से एक की पहचान पंकज साहनी (22 वर्ष) के रूप में हुई है, जो बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले थे और ओला/उबर ड्राइवर के तौर पर काम करते थे।  
कार का सफर:
कार गुरुग्राम के मोहम्मद सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड थी।
सलमान ने पूछताछ में बताया कि उसने यह कार पुलवामा के तारिक अहमद डार को बेच दी थी।
सलमान और तारिक, दोनों को हिरासत में ले लिया गया है।


सरकारी प्रतिक्रिया
गृह मंत्री की बैठक: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना की जानकारी मिलते ही एक उच्च-स्तरीय बैठक की, जिसमें IB और NIA के प्रमुख शामिल हुए।
मुआवजे का ऐलान: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ( काल्पनिक नाम, जैसा कि रिपोर्टों में उल्लेख किया गया है) ने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।
हाई अलर्ट: इस घटना के बाद पूरी दिल्ली और देश के प्रमुख शहरों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
यह स्पष्ट रूप से एक सुनियोजित आतंकी हमला था जिसका उद्देश्य व्यस्त समय में अधिकतम नुकसान पहुँचाना था। NIA अब इस नेटवर्क के पीछे के मास्टरमाइंड और पूरे मॉड्यूल का पर्दाफाश करने के लिए जांच कर रही है।
क्या आप इस घटना से संबंधित किसी और पहलू, जैसे कि सुरक्षा उपायों या जांच की प्रगति पर अधिक जानकारी चाहेंगे?


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